एक छोटी लाल मुर्गी की कहानी

आइये एक कहानी पढ़ें!


**छोटी लाल मुर्गी**


एक बार की बात है, एक छोटी लाल मुर्गी थी जिसे गेहूँ का एक दाना मिला।


"गेहूँ का यह दाना कौन बोएगा?" उसने पूछा।


"मैं नहीं," बत्तख ने कहा।


"मैं नहीं," बिल्ली ने कहा।


"मैं नहीं," हंस ने कहा।


"तो मैं करूँगी," छोटी लाल मुर्गी ने कहा। और उसने गेहूँ का दाना बो दिया।


जब गेहूँ पक गया, तो उसने कहा, "इस गेहूँ को कौन काटेगा?"


"मैं नहीं," बत्तख ने कहा।


"मैं नहीं," बिल्ली ने कहा।


"मैं नहीं," हंस ने कहा।


"तो मैं करूँगी," छोटी लाल मुर्गी ने कहा। और उसने गेहूँ काट दिया।


जब गेहूँ कट ...मैं नहीं," छोटी लाल मुर्गी ने कहा। और उसने गेहूँ काट दिया।


जब गेहूँ कट गया, तो उसने कहा, "इस गेहूँ को कौन काटेगा?"


"मैं नहीं," बत्तख ने कहा।


"मैं नहीं," बिल्ली ने कहा।


"मैं नहीं," हंस ने कहा।


"मैं नहीं," हंस ने कहा "तो मैं करूँगी," छोटी लाल मुर्गी ने कहा। और उसने गेहूँ को कूटा।


जब गेहूँ कूटा गया, तो उसने कहा, "इस गेहूँ को आटा बनाने के लिए चक्की में कौन ले जाएगा?"


"मैं नहीं," बत्तख ने कहा।


"मैं नहीं," बिल्ली ने कहा।


"मैं नहीं," हंस ने कहा।


"तो मैं करूँगी," छोटी लाल मुर्गी ने कहा। और वह गेहूँ को चक्की में ले गई।


जब आटा तैयार हो गया, तो उसने कहा, "इस आटे से रोटी कौन बनाएगा?"


"मैं नहीं," बत्तख ने कहा।


"मैं नहीं," बिल्ली ने कहा।


"मैं नहीं," हंस ने कहा।


"तो मैं करूँगी," छोटी लाल मुर्गी ने कहा। और उसने रोटी पकाई।


जब रोटी पक गई, तो उसने कहा, "यह रोटी कौन खाएगा?"


"मैं करूँगी!" बत्तख ने कहा।


"मैं करूँगी!" बिल्ली ने कहा।


"मैं करूँगी!" हंस ने कहा।


"नहीं," छोटी लाल मुर्गी ने कहा। "मैं करूँगा। तुमने मदद नहीं की, इसलिए तुम नहीं खाओगे।"


और छोटी लाल मुर्गी ने अकेले ही रोटी खा ली।


**क्या तुम कोई और कहानी सुनना चाहोगे?** शायद किसी जादुई राज्य या किसी बहादुर शूरवीर के बारे में? मुझे बताओ!

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