**किसान और उसका बैल**
बहुत समय पहले एक गाँव में एक किसान अपने बैल के साथ खेतों में काम करता था। वह दिन-रात कठिन मेहनत करता था ताकि अपने परिवार की भूख मिटा सके। एक दिन, किसान का बैल थककर गिर पड़ा और कुछ समय तक उठ नहीं सका। किसान चिंतित हुआ और उसे सोचते हुए बोला, "अब मुझे क्या करना चाहिए?"
किसान ने सोचा कि बैल को कुछ समय आराम देना चाहिए, ताकि वह फिर से मजबूत हो सके। उसने बैल को चारा दिया और कुछ पानी भी पिलाया। बैल ने थोड़ी देर बाद उठकर खड़ा हो गया। अब किसान ने सोचा, "यदि मैं इसे जल्दी से काम पर लगा दूँ, तो यह फिर से गिर जाएगा।"
फिर किसान ने फैसला किया कि वह बैल को पूरी तरह से आराम देगा और एक दिन काम नहीं करेगा। अगले दिन, किसान और बैल दोनों ने आराम किया और फिर से अगले दिन से काम शुरू किया। किसान ने महसूस किया कि थोड़ा आराम देना और समय लेना, बैल को और उसे भी फायदा पहुँचाता है।
किसान ने सीखा कि बिना रुके काम करने से कभी-कभी नुकसान होता है, और अगर थोड़ा आराम लिया जाए तो सफलता की संभावना और बढ़ जाती है।
**सीख**: "थोड़ा आराम भी ज़रूरी है, ताकि हम अपनी मेहनत को सही दिशा में लगा सकें।"
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