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गुलाब के पौधे से ढेर. फूल लेने की प्रोफेशनल तरीका

 यह बगीचे का सबसे खूबसूरत फूल गुलाब यह एक ऐसा पौधा है जो सभी प्लांट लवर्स के गार्डन में जरूर होता है. गमले में गुलाब का पौधा उगा बहुत ही आसान होता है और अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो आपका रोज प्लांट हेल्दी बना रहता है और ज्यादा से ज्यादा फूल भी देता है सर्दियों की शुरुआत में नर्सरी में आपको कई कलर्स पैटर्न्स और वैरायटी गुलाब मिल जाएंगे. कई भी और से मुझसे अपने गुलाब के पौधे से रिलेटेड प्रॉब्लम के बारे में सवाल पूछा कि उनके पौधे में सिर्फ शुरुआत में ही फूल आए इसके बाद या तो फ्लावरिंग बहुत कम हो गई या बंद हो गई तो मैं आपको बताने वाला हूं कि ऐसा क्यों होता है और इसका क्या सोल्यूशन है आज के इस वीडियो में मैं आपको गुलाब के पौधे से ढेर. फूल लेने की प्रोफेशनल रोज ग्रोवर की तीन ऐसी सीक्रेट ट्रिक्स बताने जा रहा हूँ जो नर्सरी वाले आपको कभी भी नहीं बताएंगे सिर्फ ट्रिक्स ही नहीं बताऊंगा बल्कि बैटरी रिजल्ट्स के साथ अपडेट भी दिखाउंगा अगर आप अभी अपने गुलाब के पौधे में इन तीन गांवों को करेंगे तो यह मेरी गारंटी है कि इसमें इतने फूल आएंगे कि आप यकीन नहीं कर पाई. वीडियो के आखिर में मैं पौधे को हरा भरा रखने और फ्लावरिंग बूस्ट करने की पांच कुछ टिप्स भी बताऊंगा अगर आप चैनल पर नए चैनल को सब्सक्राइब कीजिए वीडियो पसंद आए तो वीडियो को लाइक जरूर कीजिए. वीडियो को शुरू करते हैं. अक्सर लोग गुलाब का पौधा लाकर लगा तो लेते हैं लेकिन इसकी देखभाल का सही तरीका जानने के कारण थोड़े बहुत फूल आने के बाद फूल आना बंद हो जाते हैं पर आप इन तीन सिंपल ट्रिक स्तरीय प्रॉब्लम सॉल्व कर सकते हैं.


बरसात के मौसम में ज्यादा मॉइश्चर की वजह से गुलाब के पौधे का बुरा हाल हो जाता है सर्दियां आते आते पुराने पत्ते ब्राउन होकर खराब हो जाते हैं और गिर जाते हैं सर्दियों की शुरुआत में गुलाब के पौधे की कटिंग करने से इसमें नई ग्रोथ शुरू हो जाती है और गुलाब के पौधे की खासियत है कि इसमें हमेशा नई. हुई ब्रांचेज में ही फूल आते हैं इसलिए गुलाब को हर साल रेटिंग की जरूरत होती है रोज प्लांट की कटिंग इसकी वैराइटी और एच के हिसाब से की जाती है कटिंग या प्रूनिंग का सबसे अच्छा समय दिसंबर और जनवरी का महीना होता है क्योंकि फरवरी मार्च में गुलाब फूल फ्लावरिंग पर होता है. दोस्तों गुलाब की दो तरह की प्रूनिंग की जाती है हार्ड और सॉफ्ट प्रोटीन जैसे छोटे फूल वाला गुलाब है जिसमें पतली होती है और यह पौधा होता है इसमें बंच में फूल आते हैं और इसकी पत्तियां भी छोटी होती है इस तरह की वैरायटी में हमें स्टॉक ट्रेडिंग गर्मी होती है. शाम को स्प्रिट या सैनिटाइजर से कर लीजिए अब सभी लंबी और पतली ब्रांचेज को काट दीजिए. कटिंग के बाद कर्ज पर आइडिया हल्दी पाउडर जरूर लगाइए नहीं तो इसी कट वाली जगह से फंगस लगेगी और यह ब्रांच थोड़े बाद सूख जाएगी. हार्ड ने ऐसी में की जाती है जिनकी ब्रांचेज लंबी और मोटी होती है. 

पत्तियां बड़ी होती है और इनमें बड़े फूल आते हैं एक साल या उससे बड़े पौधे में हाथ ट्रेनिंग करनी चाहिए. साथ को डिफेंड कर लीजिए. ध्यान रहे कि जब आप एक पौधे के बाद किसी दूसरे गुलाब के पौधे की कटिंग करें तो भी को डिफेंड करना न भूलें नहीं तो एक गुलाब के पौधे की बीमारी दूसरे पौधे में लगने के चांसेस होते हैं. सभी मोटी ब्रांचेज को इस तरह से फोर्टिफाइड डिग्री कट लगाकर काट दीजिए अब अगर मैं इसे ऐसे ही छोड़ दूंगा तो पानी लगने से कट से. बीमारी और फंगस इंफेक्शन शुरू हो सकता है इसलिए कटिंग को फंगस से बचाने के लिए मैं एक चम्मच सौंफ पाउडर में थोड़ा पानी मिलाकर पतला पेस्ट जैसा बना लेता हूं. अब इस पेस्ट को एक ब्रश की मदद से पूरे प्लान पर अच्छी तरह से लगा लीजिए खासतौर पर ऊपर वाले पर इस तरह से नीचे से लेकर ऊपर तक पर लगाने से मिट्टी से में संघर्ष या कीड़े पौधे के ऊपर नहीं आते. गमले में लगे गुलाब के पौधे की पुरानी मिट्टी से न्यूट्रिशन खत्म हो जाता है इस तरह के पौधे की रूट ग्रोथ स्लो हो जाती है और मिट्टी सख्त होने लगती है जिसकी वजह से ड्रेनेज अच्छा नहीं होता और रूट रॉड ने जड़ों के गल्ले से पौधा खराब हो लगता है. हेल्दी पौधे के लिए साल में एक बार मिट्टी को रिचार्ज करना चाहिए और दो साल में एक बार पौधे को गमले से निकालकर बड़े गमले में रिकॉर्ड करना चाहिए क्योंकि नई मिट्टी में नई निकलेंगे और हेल्दी रूट का मतलब ढेर सारे फूल. स्वयं रिचार्ज करने के लिए गमले के किनारों से पांच इंच गहरा खोदकर पुरानी मिट्टी को निकाल लीजिए. इस काम को ध्यान से कीजिए जिससे जगह डैमेज न हो. इसमें दो मीठी नीम खली पाउडर डालिये. 


अब नई मिट्टी लेकर उसमें दो तीन मुट्ठी अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाकर डब्ल्यू में भर डीजीएम कटिंग के बाद इन्हें फूल सनलाइट रखिए ध्यान रहे कि पौधे में पत्तियां नहीं है इसलिए इसे बहुत कम पानी देना है पानी सीधे गमले की मिट्टी में ही दीजिए ब्रांच के ऊपर से पानी नहीं डालना है. दस दिनों बाद इसमें ढेर सारी नई छूट निकलना शुरू हो गई है हर एक शूट में नई ब्रज निकलेगी और हर ब्रांच में फ्लावरिंग होगी नई निकली हुई पत्तियों पर एसेट्स मिलीबग और स्पाइडर माइल्स जैसे गीत लगने के ज्यादा चांसेस होते हैं इसलिए स्प्राउट्स होने के हर दस दिन में एक. बार नई पत्तियों पर ने मॉल जरूर स्प्रे करें.

खाद प्रूनिंग के एक महीने बाद आप देख सकते हैं पौधा कितना मुश्किल हो गया है और इसमें कली भी आना शुरू हो गई है. यह है रिजल्ट प्रूनिंग के दो महीने बाद का क्या जबरदस्त हैवी फ्लावरिंग हो रही है इसमें अभी और भी नहीं निकल रही हैं जिनमें और भी कलियाँ आएंगी सॉक्स प्रूनिंग के बाद इस सफेद गुलाब में भी भर भर के फूल आ रहे हैं. गुलाब के पौधे हैप्पी सीडर होते हैं यानी अच्छी फ्लावरिंग लेने के लिए इन्हें समय समय पर न्यूट्रीशियन से भरपूर खाद देना चाहिए खासतौर पर इस तरह की फ्लावरिंग स्टेज में पौधे को फूल बनाने के लिए काफी न्यूट्रिशन की जरूरत होती है. अब मैं आपको बताऊंगा की आप घर पर गुलाब के लिए कैसे न्यूट्रिशन से भरपूर स्पेशल खाद बना सकते हैं जो होगी हंड्रेड परसेंट ऑर्गेनिक इसके लिए आपको चाहिए एक किलो अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद एक किलो वर्मी कम्पोस्ट एक मुट्ठी बायोसाइंस न्यूज और एक मुट्ठी एक्सट्रैक्ट ग्रेनेड. अब इन सभी को अच्छी तरह मिला लें तहत ये सभी चीजें आपके आसपास के किसी भी बड़ी एग्रीकल्चर शॉप पर या एमेजॉन डॉट कॉम पर ऑनलाइन भी मिल जाएगी इस फर्टिलाइजर मिक्सचर पौधे को नाइट्रोजन फॉस्फोरस पोटैशियम और सभी तरह के माइक्रो न्यूट्रिएंट्स मिल जाते हैं जिससे मिट्टी की कंडिशनिंग होती. है और ओवरऑल ग्रोथ बूस्ट होती है. ऊपर की मिट्टी को थोड़ा खोद कर हल्का लूज कर लीजिए. बारह इंच के मीडियम साइज गमले में महीने में एक बार दो मुट्ठी इस फर्टिलाइजर की डालिए. गुलाब के पौधे में अक्सर पत्तियां पीली पड़ने लग जाती है या ब्राउन होकर सूखने लगती है.


 इसके कई कारण होते हैं जैसे ओवर और ट्रेन फंगस इंफेक्शन न्यूट्रीशियन की कमी अगर फंगस से पत्तियां खराब हो रही है तो एक लीटर पानी में एक चौथाई चम्मच पाउडर मिलाकर हर पंद्रह दिन में एक बार पौधे पर अच्छी तरह से स्प्रे कीजिए. पत्तियां पीली होने की सबसे कॉमन वजह होती है पौधों में मैग्नीशियम और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की कमी इस कमी को पूरा करने के लिए पौधे को मैग्नीशियम सल्फेट देना होता है इसे एप्सम सॉल्ट भी कहते हैं यह पत्तियों का पीला पड़ना सिकोड़ना या मुंजाल ने जैसी प्रॉब्लम्स को दो तीन इस्तेमाल में ही खत्म. कर देता है. एप्सम सॉल्ट आपके आसपास की किसी भी एग्रीकल्चर शॉप पर आसानी से मिल जाएगा न मिले तो एमेजॉन पर आप ऑनलाइन ऑर्डर करके मंगवा सकते हैं. गमले के किनारे की मिट्टी को थोड़ा खुद लीजिए. अब एक चम्मच एप्सम सॉल्ट को गमले के किनारों पर बराबर डाल दीजिए. अब इसे मिट्टी से कवर कर दीजिए. एक महीने बाद दोबारा एक चम्मच एप्सम सॉल्ट इसी तरह से दीजिए और आप देखेंगे कि एक दो महीने में नए पत्ते एकदम हरे भरे और हेल्दी आने लगेंगे. गुलाब के पौधों में लगने वाली सबसे कॉमन बीमारी होती है डाई बैग डिजीज यह बीमारी. ज्यादा पानी देने और पौधे को धूप कम मिलने के कारण होती है दायर एक फंगस से होने वाली बीमारी है जिसमें पौधे कि ब्रांचेज धीरे धीरे काली पढ़ना शुरू हो जाती है यह डिजीज ब्रांच में ऊपर की तरफ से शुरू होकर नीचे की तरफ बढ़ती चली जाती है और थोडे ही वक्त में पौधा सूख जाता है. इसके इलाज के लिए इन्फेक्टेड ब्रांच जहां तक काली बढ़ गई है उसके एक इंच नीचे से. हुए कतार से इस तरह से फाइव डिग्री कट लगा दीजिए. हुए हिस्से पर का पेस्ट बनाकर जरूर लगाइए. पौधे को फोन सनलाइट में रखी है और पानी सिर्फ मिट्टी सूखने पर ही दीजिए अगली कॉमन रोज बीवी विधायक ब्लैक स्पॉट डिजीज ब्लैक स्पॉट डिजीज भी एक फंगल डिजीज है जिससे पत्तों पर इस तरह के काले धब्बे बनते जाते हैं यह बीमारी होती है ओवर वाटरिंग ज्यादा मॉइश्चर और धूप की कमी के कारण इसके इलाज के लिए पौधे को ऐसी जगह पर रखें. जहां छः से आठ घंटे की धूप आती हो. सभी इन्फेक्टेड पत्तियों को तोड़कर कर दीजिए मिट्टी पर गिरी बीमार पत्तियों को भी हटा दीजिए. एक लीटर पानी में दो एमएल कौन सा प्लस सिस्टम एक साइड मिलाइए. 


आप कोई भी हादसा फाइव परसेंट वाला फंगी साइड ले सकते हैं. हर चार दिन में से पूरे पौधे पर अच्छी तरह से स्प्रे कीजिए इस ट्रीटमेंट को चार बार यानी की सोलह दिन तक करना है. रोज रिलीज कर बीमारी में पत्तियां इस तरह से बढ़ने लगती है और नई पत्तियां भी आते ही सिकुड़ना शुरू हो जाती है. छोटी छोटी भी इस तरह से सूखकर जल जाती है यह होता है. और वाइफ स्लाइस नाम के छोटे इन्सेस्ट के कारण सिर्फ की वजह से ही ब्लाइंड छूट की प्रॉब्लम भी पौधे में आने लगती है ब्लाइंड छूट का मतलब ऐसी होती है जिनकी ग्रोथ रुक जाती है. बीमारी की शुरुआत होते ही पौधे के ट्रीटमेंट के लिए सभी ब्लाइंड शूट्स और पत्तियों को काटकर डिस्ट्रॉय कर दीजिए अब आपको चाहिए इमिडाक्लोप्रिड सेवन तीन पर्सेंट वाला कोई भी सिस्टमेटिक संघ साइट एक लीटर पानी में वन पॉइंट फाइव एमएल एनीमिया सिस्टम एक इंसेक्टिसाइड मिलाइए यह न मिले तो आप कोई भी उम्मीद है. ऑपरेट सेवन तीन पर्सेंट इंसेक्टिसाइड ले सकते हैं. इसे हर सात दिन में एक बार सुधरेगी लिए खासतौर पर पत्तियों के नीचे जांच छोटे छोटे कीड़े चुभते हैं. गुलाब को अच्छी तरह से गिरोहों ने और ढेर सारी फ्लावरिंग करने के लिए ऑर्गेनिक मीटर से भरपूर रेत और वाइल्ड ड्रेन पोरस मिट्टी चाहिए होती है गुलाब के लिए बेस्ट सपोर्टिंग फाइल बनाने के लिए आपको चाहिए. फिफ्टी परसेंट गार्डन था कि परसेंट वर्मी कम्पोस्ट अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद ट्वेंटी परसेंट बालू रेत. बाकी फ्लावरिंग प्लांट्स के कंपैरिजन में गुलाब को उगाने में प्रॉब्लम्स इसलिए आती है क्योंकि इससे थोड़ी ज्यादा केयर की जरूरत होती है लेकिन अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो आपका रोज प्लांट बीमारियों से बचा रहेगा और हमेशा हेल्दी रहते हुए बढ़िया फ्लावरिंग भी करेगा. 


रोज प्लान में बीमारी आने का सबसे बड़ा कारण होता है धूप की गर्मी. गुलाब को शेड में या ज्यादा ह्यूमिडिटी वाली जगह पर रखने से गमले की मिट्टी सूख नहीं पाती जिससे पत्तियों और जड़ों में फंगस वाली बीमारियां लगना शुरू हो जाती है इसलिए इसे हमेशा ऐसी हवादार जगह पर रखें जहां कम से कम आठ घंटे की धोखे से मिल सके. सिर्फ तेज गर्मियों के मौसम में पत्तियों को झुलसने से बचाने के लिए गुलाब के पौधे को शेड में या फिर ग्रीन लाइट के नीचे रखें. रोज प्लांट में पानी देने का खास ध्यान रखना चाहिए नए डिजाइन पसंद रोज प्लांट की बीमारियों की वजह होती और वोट दें इस पौधे को कम पानी की जरूरत होती है पानी तभी दें जब छूने पर ऊपर की मिट्टी सूखी महसूस हो लेकिन मिट्टी को पूरी तरह अधिक सूखने नहीं देना है इससे भी प्लांट की ग्रोथ रुक जाती है. इसमें हमेशा थोड़ी नरमी बनी रहनी चाहिए. पत्तियों और फूलों के ऊपर से पानी नहीं दें इससे पत्तियों में फंगस का खतरा होता है. पानी सीधे जड़ों में डालें. महीने में कम से कम एक बार मिट्टी की उर्वरा जरूर करें इससे न्यूट्रिशन गमले में नीचे तक पहुंचेगा पानी रुकेगा भी नहीं और ड्रेनेज भी अच्छा रहेगा. अपने गुलाब के पौधे पर नजर रखें कोई भी प्रॉब्लम देखते ही उसका ट्रीटमेंट तभी करें उसे नजरअंदाज न करें क्योंकि प्रॉब्लम बढ़ने के बाद ट्रीटमेंट मुश्किल होता है अगर आप हर पंद्रह दिन में एक बार एक लीटर पानी में पाँच एमएल नीम ऑयल मिलाकर रेगुलर लिए पौधे पर स्प्रे करें तो आप पौधों को ज्यादातर बीमारियों से. वैसे ही बचा सकते हैं. 


गुलाब के फूल मुरझा जाने के बाद उन्हें दो तीन पत्तों के साथ नीचे से इस तरह काट दीजिए. फूल के नीचे अनवांटेड ब्रांच पौधे का न्यूट्रीशियन लेती रहती है इसलिए वाइल्ड फ्लावर को लगातार काटते रहने से नई शोध निकलती रहती है और फ्लावरिंग बढ़ जाती है. अगर इन्हें नहीं काटा जाएगा तो इसमें रोज हिप्स बनने लगेंगे जिससे प्लान की एनर्जी इन्हें ग्रो करने में व्यस्त होती है. डैड हेडिंग के बाद ब्रांचेज के कर्ज पर फंगी साइड जरूर लगाएं क्योंकि खुले हुए से दायरः बीमारी लग सकती है. ज्यादातर गुलाबों को जंगली गुलाब की सैमी के ऊपर बढ़ ड्राफ्ट करके उगाया जाता है यह मोटा हिस्सा ग्राफ्टिंग एरिया होता है इसके नीचे से निकलने वाली ब्रांचेज जंगली गुलाब की होती है अगर इन्हें बढ़ते रहने दिया तो ऊपर के ग्राफ्टिंग वाली ब्रांच को न्यूट्रिशन नहीं मिलेगा और यह सूख जाएंगी इसलिए इन सर्कल्स को एकदम नीचे से ही काट दीजिए. बरसात के मौसम में गुलाब के पौधे पर बीमारियां लगने का सबसे ज्यादा चांस होता है गुलाब के गमले में कभी भी पानी रुका नहीं रहना चाहिए गमले का ड्रेनेज वो हमेशा चैक करते रहिए. वॉटर लॉगिंग से बचने के लिए गमले में ऊपर तक मिट्टी भरिए अच्छा. इसीलिए हर दस दिन में मिट्टी की बुराई कीजिए. उम्मीद है ये टिप्स आपके गुलाब के पौधे को बीमारियों से बचाने और हमेशा हेल्दी रखने के लिए हेल्पफुल होगा. अपनी गांड ने रिलेटेड किसी भी प्रॉब्लम के बारे में मुझसे डायरेक्ट करने के लिए मुझे प्लीज इंस्टाग्राम पर फॉलो करें इस संग्राम का लिंग में डिस्क्रिप्शन बॉक्सर कमेंट में भी दे रहा हूं और ये है आजकल कमेंट दी. 

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